सर्वाइकल कैंसर के 7 लक्षण
मौजूदा हालात में कई गंभीर और जानलेवा रोगों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने में कहीं न कहीं उपेक्षा हुई है। पुरुष और महिलाओं दोनों में कोविड-19 के अलावा:-
मधुमेह, हृदय रोग, हाइपरटेंशन, कैंसर, आदि जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बड़ी संख्या में मौतें होती हैं। महिलाओं में स्तन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर तथा गर्भावस्था से जुड़ी स्थितियों के कारण उन्हें गंभीर बीमारियों और असामयिक मौतों की दोहरी मार झेलनी पड़ती है।
इसी संदर्भ में महिलाओं में सर्वाइकल यानी गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की चर्चा करना प्रासंगिक प्रतीत होता है। आम बोलचाल की भाषा में महिलाओं सर्वाइकल कैंसर को बच्चेदानी के मुख के कैंसर के नाम से जाना जाता है।
क्यों होता है सर्वाइकल कैंसर ?

इसके विकसित होने के पीछे कई खतरे वाले कारक जिम्मेदार होते हैं। ह्युमन पैपिलोमा वायरस यानी एचपीवी का संक्रमण इसके लिए सबसे अधिक खतरे वाला कारक है।
शारीरिक (यौन) संबंध के दौरान एच पी वी से संक्रमित होना बहुत सामान्य है। एचपीवी का संक्रमण कुछ ही महीनों के भीतर बिना किसी इलाज के स्वत: दूर हो जाता है, और इसके लगभग 90 प्रतिशत मामलों में इस संक्रमण के दूर होने में 2 वर्ष का समय लग जाता है।
कुछ विशेष प्रकार के ह्युमन पैपिलोमा वायरस युक्त संक्रमण सर्वाइकल कैंसर में विकसित हो सकता है। एच पी वी से संक्रमित होने और सर्वाइकल कैंसर विकसित होने के बीच 15 से 20 वर्ष लग सकते हैं।
रोग का चिकित्सा प्रबंध
सर्वाइकल कैंसर का निदान हो जाने की स्थिति में स्त्री रोगबिज्ञान (गायनेकोलॉजिस्ट), अर्बुदविज्ञानी यानी (आंकोलॉजिस्ट), रैडिएशन आंकोलॉजिस्ट, और चिकित्सा
अर्बुदविज्ञानी (मेडिकल आंकोलॉजिस्ट) द्वारा लिए गए सामूहिक निर्णय के आधार पर सर्वाइकल कैंसर की अवस्था के आधार पर इलाज किया जाता है।
इन स्थितियों में होता है अधिक खतराः
प्रथम यौन संबंध अल्प आयु में स्थापित होना,
एक से अधिक लोगों के साथ यौन संबंध,
लंबी अवधि तक हॉर्मोन युक्त गर्भनिरोधक दवाइयों का सेवन करना,
तंबाकू का सेवन,
प्रतिरक्षाशक्ति यानी इम्यूनिटी का स्तर घटना,
निम्न सामाजिक-आर्थिक स्तर पर्याप्त स्वच्छता की कमी, ऐसे आहार का सेवन जिसमें एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा कम हो,
साथ में क्लैमाइडिया ट्रेकोमैटिस और हर्पीज़ सिंपलेक्स वायरस टाइप 2 संक्रमणों की भी उपस्थिति।
सर्वाइकल कैंसर का निदान
जैसा कि पहले वर्णन किया जा चुका है सर्वाइकल कैंसर और एचपीवी संक्रमणों की प्रारंभिक अवस्था में कोई चिकित्सीय लक्षण नहीं उभरते, फिर भी कैंसर विकसित होने से पूर्व होने वाली विक्षतयों और कैंसर पूर्व अवस्था की पहचान जांच परीक्षणों द्वारा की जा सकती है।
शुरुआती जांच के आधार पर चिकित्सा विशेषज्ञ द्वारा यह निर्धारण किया जाता है कि कौन से परीक्षण कराए जाएं।
3 replies on “सर्वाइकल कैंसर के 7 लक्षण”
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