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Ayurveda ka arth: आयुर्वेद का अर्थ

Ayurveda  ka  arth:  आयुर्वेद का अर्थ

आयु + वेद = आयुर्वेद Ayurveda आयुर्वेद प्राचीनतम चिकित्सा विज्ञान में से एक है यह दर्शन कला और विज्ञान को मिलाकर बना है आयुर्वेद के नाम का अर्थ होता है जीवन से संबंधित जानकारी आयुर्वेद भारतीय विज्ञान है

आयुर्वेद का उद्देश्य (Purpose of ayurveda)

Ayurveda यह बताता है की जीवन किस तरह से जिया जाए और निरोग कैसे रहा जाए एवं शरीर के रोग किस प्रकार दूर किया जाए आयुर्वेद में तीन कारण बताए हैं जो मनुष्य को रोगी बनाते हैं

रोग के कारण

रोग के कारण जिन्हें त्रिदोष के नाम से भी जानते हैं

  1. वात रोग
  2. पित्त रोग
  3.  कब्ज रोग

यह तीन रोग के कारण ही शरीर के सारे रोग जन्म लेते हैं

आयुर्वेद की परिभाषा

Definition of Ayurveda

जो शास्त्र जीवन का ज्ञान कराता है उसे ही आयुर्वेद कहते हैं एक स्वस्थ व्यक्ति और एक रोगी व्यक्ति इन दोनों को सही मार्ग बताने वाला विज्ञान ही आयुर्वेद है

आयुर्वेदिक उपचार के लाभ Benefits of Ayurvedic Treatment

  • आयुर्वेदिक उपचार के बाद रोगी तन और मन दोनों से स्वस्थ हो जाता है
  • आयुर्वेदिक उपचार का अर्थ है फूल पत्ते फल जड़ी बूटियां आदि से उपचार आयुर्वेदिक उपचार प्रकृति के निकट रहने का भी माध्यम है
  • बहुत से रोगों में आयुर्वेद बिल्कुल सटीक उपचार करता है आयुर्वेद आपकी जीवनशैली में सुधार करने के सुझाव देता है
  • आपकी नित्य क्रियाओं में छोटे-मोटे बदलाव करने को कहता है
  • आयुर्वेदिक उपचार अन्य उपचारों की तुलना में बहुत सस्ते होते हैं क्योंकि अधिकतर उपचार जड़ी बूटियों फल फूल पत्तों आदि से ही किए जाते हैं जो कि आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं

अष्टांग विज्ञान

आयुर्वेद को अष्टांग या फिर आठ अंग वाला विज्ञान भी कहा जाता हैइसके अंतर्गत

  • शरीर विज्ञान
  • भोजन और पेय पदार्थ चिकित्सा

आते हैं लेकिन इसके अलावा

  • होम्योपैथी
  • एलोपैथी
  • हाइड्रोपैथी
  • नेचुरल पैथी
  • एवं पल्स पल्स डायग्नोसिस

आदि भी आते हैं जो आजकल की चिकित्सा प्रणाली है उनके भी मूल सिद्धांत आयुर्वेद के अंतर्गत आते हैं जो कि 2500 वर्ष पुराने माने जाते हैं

आयुर्वेद का मुख्य उद्देश्य

आयुर्वेद के दो उद्देश्य हैं

  1.  स्वस्थ व्यक्तियों के स्वस्थ स्वास्थ्य को बनाए रखना एवं उसकी रक्षा करना
  2.  रोगी व्यक्तियों की रोग को दूर करना और उन्हें स्वस्थ बनाना

आयुर्वेदिक उपचार के प्रकार

Ayurveda आयुर्वेदिक उपचार के मुख्यतः दो प्रकार होते हैं

एक वह जिसमें बाहरी कोई दवाई नहीं दी जाती इसमें रोगी को उठने बैठने सोने व्यायाम करने घूमने टहलने योगा करने आदि की सलाह दी जाती है

दूसरा प्रकार होता है जिसमें भारी औषधियों दी जाती है इन भारी औषधियों के भी तीन प्रकार होते हैं जैसे

  • एनिमल ड्रग्स
  • हर्बल ड्रग्स
  • मिनरल ड्रग्स

एनिमल ड्रग्स

एनिमल ड्रग्स का अर्थ होता है जो पशुओं के शरीर से ली जाती है जैसे शहद दूध मक्खन घी यह कुछ चीजें एनिमल ड्रग्स में आती है

हर्बल ड्रग्स

हर्बल ड्रग्स हर्बल ड्रग्स फूल पत्ती जड़ फल वृक्ष की छाल आदि से बनाई जाती है

मिनरल ड्रग्स

यह लोहा सीसा तांबा चांदी रांगा अभ्रक चूना नमक जैसे पदार्थों से लिया जाता है

आयुर्वेदिक उपचार

आयुर्वेदिक उपचार स्वस्थ व्यक्तियों एवं रोगी व्यक्तियों दोनों पर ही लागू होते हैं

स्वस्थ व्यक्तियों के लिए

स्वस्थ व्यक्तियों के लिए स्वस्थ व्यक्ति आयुर्वेद की मदद से अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रख सकते हैं जिससे उनका शरीर किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए सक्षम रहता है और व्यक्ति में किसी भी प्रकार की बीमारी या विकार उत्पन्न नहीं होते

रोगी व्यक्तियों के लिए

रोगी व्यक्तियों के लिए जो व्यक्ति पहले से ही रोगी है उनके रोगों का निवारण आयुर्वेद के अंदर ऐसी अनेकों जड़ी बूटियां फल फूल पत्तियों का विवरण है जो रोगी व्यक्तियों के रोग को दूर करने में सहायता करती हैं जिससे रोगी व्यक्ति बहुत जल्दी स्वस्थ हो जाते हैं

वर्तमान समय में जो आयुर्वेद (Ayurveda) का शिक्षण और प्रशिक्षण

वर्तमान समय में जो आयुर्वेद का शिक्षण और प्रशिक्षण चल रहा है उसने आयुर्वेद को कई शाखाओं में विभाजित कर दिया है

  • आयुर्वेद के सिद्धांत
  • आयुर्वेद संहिता
  • शरीर की संरचना
  • इंटरनल मेडिसन
  • मैटेरिया मेडिसिन
  • सर्जरी
  •  मनोरोग
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