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Natural Vegetation and Wildlife

प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन Natural Vegetation and Wildlife

जैव मण्डल के कारण पृथ्वी एक अद्भुत ग्रह है। प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन जैव मण्डल का एक भाग हैं। पौधे जैव मण्डल के सदस्यों के रूप पृथ्वी पर दिखने वालों में प्रथम जीव थे। पेड़-पौधों को उत्पादक कहा जाता है। वे अपना भोजन कार्बन डाईआक्साइड, क्लोरोफिल और जल की मदद से सूर्य के प्रकाश में भोजन बनाते हैं। भोजन बनाने की इस प्रक्रिया को प्रकाश संश्लेषण कहते हैं।

पशु व पक्षी शाकाहारी उपभोक्ता है क्योंकि वे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपने अस्तित्व के लिए पौधों पर निर्भर है। एक भोजन श्रृंखला में ऊर्जा का स्थानांतरण वनस्पति से आरम्भ होता है।

प्राकृतिक वनस्पति (Natural Vegetation)

प्राकृतिक वनस्पति में पृथ्वी के वन और चारागाह आते हैं। जलवायु, भूदृश्य, मृदा इत्यादि प्राकृतिक वनस्पति को प्रभावित करते हैं। ये कारक पृथ्वी पर विभिन्न स्थानों पर भिन्न प्रकार के होते हैं। जलवायु कई प्रकार की होती है, विभिन्न प्रकार की मृदाएँ और कई प्रकार के भूदृश्य पृथ्वी पर होने के कारण हज़ारों प्रकार की वनस्पति होती है। अकेले भारत में ही 45000 से अधिक प्रकार के पौधे पाए जाते हैं।

वनों का वर्गीकरण (Classification of Forests)

भूवैज्ञानिक और वनस्पतिशास्त्री वनों को पाँच मुख्य श्रेणियों में विभाजित करते हैं.

भूमध्यरेखीय वन Equatorial Forests 1
भूमध्यरेखीय वन Equatorial Forests 1

1. भूमध्यरेखीय वन (Equatorial Forests):

ये वन अपने नाम के अनुसार भूमध्य रेखा के निकट के क्षेत्रों में होते हैं। इसलिए जलवायु वर्ष भर गर्म रहती है। वार्षिक वर्षा 200 सेमी से अधिक रहती है। भूमध्य रेखीय वन अत्यधिक घने होते हैं। कुछ क्षेत्रों में वे इतने अधिक सघन होते है कि सूर्य की किरणें धरती तक नहीं पहुँच पाती। इन वनों के वृक्ष बहुत लम्बे होते हैं क्योंकि ये सूर्य के प्रकाश के लिए, जो नीचे तक नहीं पहुंचता, एक दूसरे से ऊपर उठने की होड़ करते हैं। भूमध्यरेखीय वनस्पति पृथक परतों में उगती है। निचली परत में झाड़ियाँ होती हैं। इसके ऊपर निचली छतरी, मुख्य छतरी और ऊपर उठने पर दिखने वाले भाग होते हैं जो 50 मीटर तक जा सकते हैं।

2. सदाबहार वन Evergreen Forests
2. सदाबहार वन Evergreen Forests

2. सदाबहार वन (Evergreen Forests):

इन वनों में सभी प्रजातियों के पौधे भिन्न समय पर पत्तियों छोड़ते हैं इन वनों की हरियाली वर्ष पर्यंत बनी रहती है। ये वन अधिकांशतः दक्षिणी अमेरिका की अमेजन खाड़ी अफ्रीका की कांगो खाड़ी पश्चिमी अफ्रीकी भूभागों मलेशिया इंडोनेशिया दक्षिण पूर्वी एशिया के अन्य देशों में मिलते हैं।

3. उष्णकटिबंधीय पतझड़ी वन (मानसूनी) (Tropical Deciduous Forests: Monsoon):

उष्णकटिबंधीय पतझड़ी वन मानसूनी Tropical Deciduous Forests Monsoon
उष्णकटिबंधीय पतझड़ी वन मानसूनी Tropical Deciduous Forests Monsoon

पतझड़ी वन उन उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं जहाँ वार्षिक वर्षा 100 से 200 सेमी तक रहती है। वृक्ष पतझड़ में अपनी पत्तियों गिराते है जिसके कारण उन्हें पतझड़ी वन कहते हैं। मानसूनी क्षेत्र में होने के कारण उन्हें मानसूनी वन भी कहते हैं। मानसूनी वनों के दक्षिणी एशिया में मुख्य क्षेत्र हैं; भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैण्ड, मलेशिया, वियतनाम, इंडोनेशिया आदि।

इन वृक्षों की लकड़ी कठोर होती है। वे आर्थिक महत्त्व की मूल्यवान लकड़ी देते हैं। टीक, चन्दन, नारियल, बाँस, महोगनी, नीम, आम, पीपल, बरगद आदि इन वनों के महत्वपूर्ण उत्पाद हैं।

4. चौड़ी पत्तियों वाले औसत सदाबहार (मैडिटेरिनियन) वन (Evergreen Temperate Broad Leaves (Mediterranean Type) Forests):

ये वन मैडिटेरिनियन समुद्र के आसपास पाए जाते हैं; जैसे यूनान, पुर्तगाल, स्पेन, दक्षिणी फ्रांस, इटली, तुर्की, यूगोस्लाविया आदि। वे आस्ट्रेलिया के दक्षिणी पश्चिमी भागों, चिली के केंद्रीय भाग और केलीफोर्निया पाटी के क्षेत्र में मिलते हैं। यहाँ का तापमान औसत रहता है। जलवायु न तो ठण्ड में अधिक ठण्डी होती है न गर्मी में अधिक गर्म इन क्षेत्रों में वार्षिक वर्षा 75 से 100 सेमी तक रहती है। यह वर्षा शीतकाल में पड़ती है।

ग्रीष्मकाल सामान्यतः शुष्क रहता है। इसलिए इन वनों में पेड़ों की पत्तियों चौड़ी और चिकनी होती हैं और इनकी जड़ें बहुत गहरी होती हैं। कम वर्षा और शुष्क मौसम में भी ये वन सदाबहार रहते हैं और पेड़ों की पत्तियाँ नहीं झड़ती चिकनी पत्तियों के कारण वाष्पोत्सर्जन भी अधिक नहीं होता। गहरी जड़ों के कारण वृक्ष भूमिगत जल का भरपूर उपयोग करते हैं। इन वृक्षों के कुछ महत्त्वपूर्ण वृक्ष हैं: ओक, जैतून, देवदार, फर, अखरोट, यूकेलिप्टस, साइप्रस आदि।

5. चीही पत्तियों वाले औसत पतझड़ी वन (Temperate Broad Leaves Deciduous Forests):

ये वन यूरोप, एशिया और उत्तरी अमेरिका के ठण्डै प्रदेशों से फैलाव लेते हैं। वे चीन, जापान, कोरिया, उत्तरी रूस, पश्चिमी कनाडा और सेंट लारेंस की खाड़ी में बहुत फैले हुए हैं। ये वन औसत क्षेत्र में पाए जाते हैं। इन क्षेत्रों में शीत ऋतु अधिक रहती है जहाँ वर्षा 50 सेमी और औसत तापमान 6 डिग्री रहता है। पेड़ों की पत्तियों शुष्क मौसम में झड़ती हैं, इसलिए इन्हें पतझड़ी वन कहते हैं। इन वनों में पाए जाने वाले मुख्य वृक्ष है: अखरोट, सुपारी, ओक, चिराबेल, एश, एल्म, धूसर छाल वाले वृक्ष आदि।

6. शंकुधारी वन (Coniferous Forests):

शंकुधारी वन Coniferous Forests
शंकुधारी वन Coniferous Forests

कनाडा, नार्वे, स्वीडन, फिनलैण्ड, रूस के साइबेरियन क्षेत्र, हिमालय और एल्स के उच्च अक्षांश वाले क्षेत्र शंकुधारी वनों के लिए प्रसिद्ध हैं। इनके प्रमुख वृक्ष है: देवदार, स्प्रेस, सिल्वर फर, चीड़, केल आदि। इन वृक्षों का आकार शकुकार होता है। तना अधिक मोटा नहीं होता। तने के चारों ओर थोड़ी ऊँचाई पर ही पत्तियों होती हैं जो ऊँचाई तक जाते जाते कम होती जाती है। शिखर पर यह शंकु के आकार की हो जाती है। इन वृक्षों की शाखाएं और पत्तियों नीचे की ओर झुकी रहती हैं। वृक्षों पर गिरने के बाद बर्फ फिसलती है और भूमि पर गिर जाती है जिससे वृक्ष बचे रहते हैं।

चरागाह (Grasslands)

चरागाह Grasslands
चरागाह Grasslands

1. उष्णकटिबंधीय चरागाह (Tropical Grasslands):

ये अफ्रीका की कांगो खाड़ी के दक्षिण और उत्तर, ब्राजील के क्षेत्र, गुआना उच्चभूमि, आस्ट्रेलिया के रेगिस्तान, भारत के दक्षिणी पठार के क्षेत्रों में पाए जाते हैं। यहाँ पर घास पतझड़ी और फिर 2 मीटर की ऊंचाई तक हो जाती है यह गर्म और नम मौसम में तेजी से फैलती हैं परंतु शुष्क मौसम में मुर्झाती है। ऊँची पास में सूखा प्रतिरोधक वृक्ष जैसे बॉस और यूकेलिप्टस यहाँ उगते हैं। भारी वर्षा में वृक्ष खूब होते हैं।

2. औसत चरागाह (Temperate Grasslands):

यूरेशिया में इन्हें स्टेप्स के नाम से भी जाना जाता है। उत्तरी अमेरिका में इन्हें प्रेयरी कहा जाता है। दक्षिणी अमेरिका में इन्हें पम्पस कहा जाता है। अफ्रीका में इन्हें वेल्ड कहा जाता है। यहाँ पर घास उष्णकटिबंधीय चरागाहों से छोटी और कम खुरदरी होती है। वर्षा पर निर्भर ये घास 30 से 60 सेमी लम्बी हो सकती है। वृक्ष उष्णकटिबंधीय चरागाहों से कम ऊँचे होते हैं।

रेगिस्तानी वनस्पति (Desert Vegetation)

रेगिस्तानी वनस्पति Desert Vegetation
रेगिस्तानी वनस्पति Desert Vegetation

उष्णकटिबंधीय वनस्पति स्वयं को सूखी जलवायु के अनुकूल कर लेती है। यहाँ के सामान्य पौधे हैं: केक्टस, कंटीली झाड़ियाँ और खुरदरी धास अधिकांश पौधों की पत्तियाँ नहीं होती। यदि होती भी हैं तो दे कठोर, मोमवाली या सुई के आकार की होती हैं।

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